उत्तरपथ में आप बठी, हाथ सिद्ध वाचा ऋद्धि-सिद्धि । धनधान्य देहि-देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।। वज्र पानी पिबेच्चांगे डाकिनी डापिनी रक्षोव सर्वांगे। ॐ वज्र मुस्ठी वज्र किवाड़। वज्र बाँधों दश द्वार। श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम Every single Purnima (whole moon) is celebrated https://zanderpkdwo.p2blogs.com/34192365/fascination-about-bhairavi