बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । साधु सन्त के तुम रखवारे। असुर निकन्दन राम दुलारे॥ संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। More like inviting Hanuman Ji https://marcosgiot.dbblog.net/8230078/the-basic-principles-of-hanuman-chalisa