सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ भगवान शिव का प्रिय फूल कनेर का पुष्प माना जाता है, मान्यता है https://devinyfxco.blogsuperapp.com/30265258/5-simple-techniques-for-shiv-chalisa-lyrics-aarti